Monday, April 27, 2020

मैं आऊंगा ज़रूर

मेहनत की है मैनें,

अब रुकूंगा नहीं,
माना मंज़िल दूर है,
लेकिन निशाने से चूकुंगा नहीं।

मेरा नाम जानने की,
कोशिश ना करो ,
मैं अनजान ही सही,
लेकिन रास्ते बनाऊंगा ज़रूर।

मेरा हौंसला चाहे,
दीप ही सही,
मशाल बनाकर प्रकाश,
फैलाऊंगा ज़रूर।

समय से वादा है मेरा,
प्रतीक्षा करना मेरी,
वकत बेशक लगे,
वापस आऊंगा ज़रूर

और कविताएं पढ़े :-आसमान के सितारे हम
                     :-  काम है अपना अपना



No comments:

Post a Comment

If you find any problem,let me know.

Let them live

A few days ago, I watched a news on the Television that a deer came in the town which was under lockdown. We have been hearing and watching ...